
मई 2025 में, भारत में कोविड-19 के मामलों में एक बार फिर वृद्धि देखी जा रही है, विशेषकर केरल, महाराष्ट्र और तमिलनाडु में। हालांकि, विशेषज्ञों का मानना है कि वर्तमान स्थिति नियंत्रण में है और घबराने की आवश्यकता नहीं है।
भारत में कोविड-19 की वर्तमान स्थिति
12 मई से 19 मई 2025 के बीच, भारत में 164 नए कोविड-19 मामले दर्ज किए गए हैं, जिससे सक्रिय मामलों की संख्या 257 हो गई है। केरल में 69, महाराष्ट्र में 44 और तमिलनाडु में 34 नए मामले सामने आए हैं। महाराष्ट्र में दो मौतें भी रिपोर्ट हुई हैं, हालांकि दोनों मरीज पहले से गंभीर बीमारियों से पीड़ित थे और उनकी मृत्यु का मुख्य कारण कोविड नहीं था ।
महाराष्ट्र में कोविड-19 से जुड़ी दो मौतें
मुंबई के KEM अस्पताल में दो मौतें सामने आई हैं:
एक 59 वर्षीय महिला, जिन्हें कैंसर था
एक 14 वर्षीय बच्ची, जो किडनी की बीमारी से पीड़ित थी
हालांकि दोनों की मौत का मुख्य कारण उनकी पूर्व-पीड़ित गंभीर बीमारियां थीं, लेकिन वे कोविड पॉजिटिव भी थीं। इस पर विवाद तब बढ़ा जब यह सामने आया कि कोविड को मौत के सर्टिफिकेट में नहीं दर्शाया गया।
सक्रिय वैरिएंट्स: JN.1 और KP.2
भारत में वर्तमान में JN.1 वैरिएंट और इसके उप-वंश KP.1 और KP.2 सक्रिय हैं। INSACOG के अनुसार, देश में KP.2 के 290 और KP.1 के 34 मामले पाए गए हैं । ये वैरिएंट्स पहले सिंगापुर और हॉन्गकॉन्ग में पाए गए थे और अब भारत में भी देखे जा रहे हैं।
लक्षणों में बदलाव
JN.1 और KP.2 वैरिएंट्स के लक्षणों में कुछ नए बदलाव देखे गए हैं:
सूखी खांसी और गले में खराश
थकान और कमजोरीसिरदर्द और मांसपेशियों में दर्दनाक बहना या बंद होनाबुखार और ठंड लगनानौसिया, उल्टी और दस्तकंजंक्टिवाइटिस (आंखों में जलन और लालिमा)
विशेषज्ञों के अनुसार, JN.1 वैरिएंट पिछले वैरिएंट्स की तुलना में अधिक दस्त का कारण बन सकता है ।
सरकारी प्रतिक्रिया और दिशा-निर्देश
भारत सरकार ने स्थिति पर नजर रखते हुए राज्यों को सतर्क रहने के निर्देश दिए हैं। मुंबई में बीएमसी ने डॉक्टरों को बुखार के मामलों पर विशेष ध्यान देने को कहा है । हालांकि, विशेषज्ञों का मानना है कि भारत में कोविड-19 अब स्थानिक (endemic) हो चुका है और अधिकांश मामलों में लक्षण हल्के हैं।
मौजूदा गाइडलाइंस और सावधानियां
हालांकि कोविड-19 के लिए कोई नई गाइडलाइंस जारी नहीं की गई हैं, लेकिन निम्नलिखित सावधानियों का पालन करना आवश्यक है:
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बुखार या लक्षण होने पर घर पर रहें और दूसरों से दूरी बनाए रखें।
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भीड़भाड़ वाले स्थानों में मास्क पहनें।
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हाथों की नियमित सफाई करें।
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फ्लू वैक्सीन लेने पर विचार करें, विशेषकर बुजुर्गों और कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले व्यक्तियों के लिए।
सिंगापुर और हॉन्गकॉन्ग अलर्ट पर
हॉन्गकॉन्ग और सिंगापुर में कोविड-19 मामलों में तेज़ी से वृद्धि देखी जा रही है।
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हॉन्गकॉन्ग के Center for Health Protection के प्रमुख Albert Au ने बताया कि वायरस की गतिविधि अब "काफी तेज़" हो गई है।
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सिंगापुर के स्वास्थ्य मंत्रालय ने 13 मई 2025 की अपडेट में कहा कि वह मामलों की वृद्धि की निगरानी कर रहा है।
सिंगापुर में:
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27 अप्रैल से 3 मई 2025 के सप्ताह में मामले बढ़कर 14,200 हो गए, जबकि इससे पिछले सप्ताह यह संख्या 11,100 थी।
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इसी अवधि में औसत दैनिक अस्पताल में भर्ती मरीजों की संख्या 102 से बढ़कर 133 हो गई।
हालांकि, वहां की सरकार का कहना है कि जो वैरिएंट्स इस समय फैल रहे हैं वे पहले के मुकाबले अधिक गंभीर या संक्रामक नहीं हैं।
निष्कर्ष
भारत में कोविड-19 के मामलों में हालिया वृद्धि के पीछे JN.1 और KP.2 जैसे नए वैरिएंट्स का हाथ है, जो पहले सिंगापुर और हॉन्गकॉन्ग में पाए गए थे। हालांकि, अधिकांश मामलों में लक्षण हल्के हैं और स्थिति नियंत्रण में है। सरकार और स्वास्थ्य विशेषज्ञ सतर्क हैं और जनता से भी सावधानी बरतने की अपील कर रहे हैं।